पत्रकार योगेश डिमरी पर जानलेवा हमला, किसकी मित्र है पुलिस?
पत्रकार योगेश डिमरी पर जानलेवा हमला, किसकी मित्र है पुलिस?
- कामरेड इंद्रेश मैखुरी
ऋषिकेश में आंवला न्यूज़ नाम से डिजिटल न्यूज़ चैनल चलाने वाले युवा पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब तस्करों द्वारा जानलेवा हमला किया गया है. हमले में योगेश डिमरी को सिर से लेकर शरीर के अलग- अलग हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं.
ऋषिकेश धार्मिक नगरी होने के चलते शराब प्रतिबंधित क्षेत्र है. लेकिन सार्वजनिक प्रतिबंध होने पर अवैध नशे का व्यापार लगातार फल-फूल रहा है. योगेश डिमरी अपने चैनल पर शराब तस्करी के खिलाफ लगातार खबरें दिखा रहे थे.
योगेश डिमरी पर हमले के जो भी वीडियो सामने आये हैं, उनसे साफ जाहिर है कि शराब तस्कर उनसे खासी खार खाए हुए थे और जान से मारने के इरादे से ही उन पर हमला किया गया. यह भी पता चला है कि हमले का सूत्रधार “गंजा” नाम वाला तस्कर है, जो 1990- 91 में ऋषिकेश में हुए टिंचरी कांड के मुख्य आरोपियों में से है, उक्त कांड में 19-20 लोगों की मौत हुई थी.
यह हैरत की बात है कि योगेश डिमरी लगातार शराब तस्करी की खबरें दिखा रहे थे और ऋषिकेश, जो कि देहरादून जिले में आता है, वहां की पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही थी.
योगेश डिमरी पर हमला होने से पहले हमले की आशंका संबंधी पत्र भी पुलिस को दिया गया, फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. अब योगेश डिमरी पर हमले का जो वीडियो सामने आया है, उसमें भी दो पुलिस वाले दिखाई दे रहे हैं पर करते वे कुछ नहीं दिखाई देते हैं.
कामरेड इंद्रेश मैखुरी ने मुख्यमंत्री के नाम एक खुला पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा पुष्कर सिंह धामी जी आप मुख्यमंत्री हैं, आपके लोग आपको धाकड़ धामी कहते नहीं अघाते हैं. देहरादून में आप गद्दी पर बिराजते हैं. मुख्यमंत्री होने के अलावा आपके पास गृह महकमा भी है, जिसके अधीन पुलिस भी आती है.
आपके मातहत ही तो डीजीपी, आईजी, डीआईजी, एसएसपी, कोतवाल सब हैं, जो उसी देहरादून जिले में बिराजते हैं, जिसके अंतर्गत आने वाले ऋषिकेश में युवा पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब के तस्करों ने सरेआम जानलेवा हमला बोल दिया. मुख्यमंत्री जी, युवा पत्रकार योगेश डिमरी पर हमला होने के बावजूद आपकी पुलिस, शराब तस्करों पर कार्यवाही तो दूर एफआईआर तक नहीं लिखती है.
सवाल है कि तस्करों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही न होने देने में आपकी मर्जी शामिल है या फिर आपके चाहने के बावजूद आपकी पुलिस आपके कहने- सुनने में नहीं है ? या इस तरह की जघन्य वारदातों से आपको और आपकी पुलिस को कोई सरोकार ही नहीं है, मुख्यमंत्री जी? ऐसी घटना होती है और पुलिस तमाशबीन बनी रहती है तो मन में यह प्रश्न भी कौंधता है कि आपकी ये “मित्र पुलिस” किसकी मित्र है?