बड़ी खबर: गढ़वाल राइफल के गश्ती दल पर आतंकी हमला, पांच जवान शहीद, पांच गंभीर घायल
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गढ़वाल राइफल के पांच जवान शहीद।
जम्मू & कश्मीर : जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने गढ़वाल राइफल के गश्ती दल पर आतंकियों की तरफ से घात लगाकर किए गए हमले में जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) समेत पांच जवान शहीद हो गए, जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हैं। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। देर रात तक ऑपरेशन जारी रहा। पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
घटना सोमवार दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे की बताई जा रही है, जब बिलावर उपजिले में बदनोता के नाले के पास सेना के 22 गढ़वाल राइफल्स के वाहन पर आतंकियों ने हमला कर दिया। सेना का यह वाहन इलाके में गश्त पर था। वाहन में दस जवान सवार थे। आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका। इसके बाद अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
आतंकियों की ओर से स्टील बुलेट के इस्तेमाल का शक है। सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई शुरू की। हमले के बाद आतंकी घने जंगल में भाग निकले। बताया जा रहा है, आतंकी ऊंचाई वाले इलाके में थे। जब तक जवान संभलते, तब तक उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी।
ऑपरेशन में पैरा कमांडो भी शामिल कर लिए गए हैं। उन्हें एयरलिफ्ट कर हमले वाले इलाके में ले जाया गया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली और सेना बड़ा ऑपरेशन चलाकर आतंकियों के सफाये की तैयारी में है।
घायल जवानों को पीएचसी बदनोता में प्राथमिक उपचार के बाद पठानकोट के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया है। बिलावर से बदनोता मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी है।इस हमले में भारी हथियारों से लैस तीन आतंकियों के शामिल होने का अंदेशा है। इनके हाल में सीमापार से घुसपैठ करने का शक है। डीजीपी आरआर स्वैन खुद आतंकियों के खिलाफ अभियान पर नजर बनाए हुए हैं।
आतंकियों ने जहां हमला किया है, वह क्षेत्र उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके से जुड़ता है। वहां पहले भी कई मुठभेड़ हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि सीमापार से घुसपैठ के बाद आतंकी इसी रास्ते से मैदानी इलाके तक पहुंचते हैं।
इससे पहले जम्मू में रविवार को ही राजौरी में सेना के कैंप पर हमले में एक जवान घायल हुआ था। उसे भी आतंकी हमला माना जा रहा है। इससे पहले कुलगाम जिले में शनिवार को दो मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सेना ने छह आतंकियों को मार गिराया था। सेना के दो जवान भी बलिदान हुए थे। 26 जून को डोडा में तीन आतंकी मार गिराए थे।