Trending News

उम्मीद का एक और दिन, बार-बार आ रही रुकावटें, अब ये हैं विकल्प

उम्मीद का एक और दिन, बार-बार आ रही रुकावटें, अब ये हैं विकल्प

उम्मीद का एक और दिन, बार-बार आ रही रुकावटें, अब ये हैं विकल्प

उत्तरकाशी: ऑगर मशीन आपने लक्ष्य से नौ मीटर पहले रुक गई। जिसके बाद अवरोधों को काटकर हटाने का काम तो शुरू हुआ। पिछले 14 दिनों से टनल में फंसी 41 जिंदगियों को बचाने का अभियान जारी है। इस अभियान के दौरान हर एक पल कुछ उम्मीद लेकर आता है और फिर अगले ही पाल  उम्मीदें निराशा में बदल जाती हैं।

लेकिन, इसमें जो सबसे अच्छी बात है वह यह है कि रेस्क्यू कार्य में जुटे अधिकारी, कर्मचारी और एक्सपर्ट अपनी पूरी क्षमता से लगातार काम कर रहे हैं। निराशा उन्हें परेशान नहीं कर पा रही है। साथ ही बाहर मौजूद टीम अंदर फंसे 41 मजदूरों का हौसला भी लगातार बढ़ा रही है।

इस बीच ऑगर मशीन से चल रहे रेस्क्यू में अंदर मलबे के साथ गिरी सरिया का जाल मुश्किल खड़ी कर रहा है। ऐसे में अब रेस्क्यू टीम के पास तीन विकल्प बचते हैं। पहला यह की सभी मशीनों को हटाकर मैन्युअल मलबा हटाया जाए। दूसरा विकल यह कि जो भीतर मजदूर फंसे हैं, वही लोग मलबे को हटाना शुरू कर दें।

सवाल यह है कि क्या भीतर पिछले 14 दिनों से फंसे 41 मजदूर इस स्थिति में हैं कि वह कुछ काम कर सकें। तीसरा विकल्प जिसके लिए पहले भी तैयारी की गई थी। वह टनल के ऊपरी हिस्से पर वर्टिकल ड्रिलिंग का है। इसमें कितना वक्त लगता है यह भी देखने वाली बात होगी? माना जा रहा है की रेस्क्यू टीम जल्द किसी अन्य विकल्प पर काम शुरू कर सकती है।

उम्मीद का एक और दिन, बार-बार आ रही रुकावटें, अब ये हैं विकल्प

Share ThisFacebook, whatsapp, teligram

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )