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इंडिगो ने किया मुआवजा राशि का एलान, इन यात्रियों को 10-10 हजार देगी एयरलाइन कंपनी

इंडिगो ने किया मुआवजा राशि का एलान, इन यात्रियों को 10-10 हजार देगी एयरलाइन कंपनी

इंडिगो एयरलाइंस ने दिसंबर 2025 में हुई व्यापक उड़ान रद्दीकरण और देरी की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित यात्रियों को मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये के ट्रैवल वाउचर देने की घोषणा की है। यह फैसला उन यात्रियों के लिए है जिनकी उड़ानें 3 से 5 दिसंबर के बीच रद्द हुईं या लंबी देरी का सामना करना पड़ा। यह वाउचर अगले 12 महीनों में इंडिगो की किसी भी उड़ान के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे। कंपनी ने कहा कि यह मुआवजा सरकारी दिशानिर्देशों के तहत मिलने वाले अतिरिक्त लाभ के अलावा है।

दिसंबर संकट का पृष्ठभूमि

दिसंबर 2025 की शुरुआत में इंडिगो को गंभीर संचालन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ा। पायलटों की कमी, तकनीकी खराबी, मौसम की मार और नई क्रू रोटेशन नियमों के कारण 2 दिसंबर से लगभग 5,000 उड़ानें रद्द हो गईं। मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और दिल्ली जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर हजारों यात्री फंस गए। डीजीसीए ने कंपनी के गुरुग्राम मुख्यालय पर निगरानी टीम तैनात की।

किसे मिलेगा 10,000 रुपये का वाउचर?

  • गंभीर रूप से प्रभावित यात्री: जो 3-5 दिसंबर को हवाई अड्डों पर घंटों फंसे रहे या कई उड़ानें मिस कर चुके हों।
  • यह वाउचर अतिरिक्त है, यानी सरकारी नियमों के मुआवजे के ऊपर।
  • रद्द उड़ानों के लिए रिफंड पहले ही प्रोसेस हो चुके हैं, ज्यादातर यात्रियों के खाते में पहुंच गए हैं।

सरकारी नियमों के तहत अतिरिक्त मुआवजा

डीजीसीए के दिशानिर्देशों के अनुसार, 24 घंटे से कम समय पहले रद्द हुई उड़ानों के लिए:

  • 1 घंटे तक की उड़ान: 5,000 रुपये.
  • 1-2 घंटे की उड़ान: 7,500 रुपये.
  • 2 घंटे से अधिक: 10,000 रुपये.

कुछ यात्रियों को कुल मिलाकर दोहरी मुआवजा मिल सकता है—सरकारी राशि + 10,000 रुपये का वाउचर। देरी पर भी भोजन, होटल और वैकल्पिक उड़ान की सुविधा अनिवार्य है।

कंपनी की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना

इंडिगो ने कहा कि वह यात्रियों की असुविधा को स्वीकार करता है और ऑपरेशन सामान्य करने के लिए कदम उठा रहा है। 11 दिसंबर को 1,950 से अधिक उड़ानें निर्धारित हैं, जिसमें 3 लाख यात्री सवार होंगे। कंपनी ने कैंसिलेशन/रीशेड्यूलिंग फीस भी माफ कर दी हैं (5-15 दिसंबर तक)। पायलट यूनियनों ने इसे सरकारी आराम नियमों की अनदेखी बताया, जबकि कंपनी ने आंतरिक और बाहरी कारकों को जिम्मेदार ठहराया।

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