Trending News

मां-बाप ने सड़क पर फेंका नवजात, आवारा कुत्तों ने रातभर की रखवाली; इंसान चुप रहे, जानवर बन गए फरिश्ते

मां-बाप ने सड़क पर फेंका नवजात, आवारा कुत्तों ने रातभर की रखवाली; इंसान चुप रहे, जानवर बन गए फरिश्ते

कृष्णानगर (नादिया) : मामला पश्चिम बंगाल का है। दिसंबर की ठंडी रात। रेलवे कॉलोनी की सुनसान गली में एक नवजात बच्चे की रोने की हल्की-हल्की आवाज गूंज रही थी। पालीथीन में बंद कपड़े में लिपटा वो नन्हा सा जिस्म ठिठुर रहा था। जन्मे अभी कुछ घंटे ही हुए थे कि किसी ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया। लेकिन, इस दुनिया में अभी ममता बाकी थी, वो ममता जो इंसानों में नहीं, गली के आवारा कुत्तों में बची थी।

रात भर बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पांच-सात आवारा कुत्ते वहां पहुंचे। उन्होंने बच्चे को चारों तरफ से घेर लिया। गोला बनाकर बैठ गए। कोई जंगली जानवर, कोई राहगीर – किसी को भी पास नहीं भटकने दिया। ठंड से बचाने के लिए अपने शरीरों की गर्मी उस तक पहुंचाते रहे।

सुबह हुई। पहली किरण के साथ जब कॉलोनी के लोग बाहर निकले तो हैरान रह गए – कुत्ते अभी भी वैसे ही बैठे थे। बीच में कंबल की छोटी सी गठरी। जैसे ही कोई पास आया, कुत्तों ने धीरे से रास्ता दे दिया। मानो कह रहे हों – “अब तुम इसकी जिम्मेदारी ले लो, हमने अपनी पूरी कोशिश कर दी।”

कंबल खोला गया तो उसमें एक जिंदा, स्वस्थ नवजात था। सिर पर जन्म का हल्का खून, बाकी कोई चोट नहीं। डॉक्टरों ने कहा, “अगर कुत्ते न होते तो ठंड और जंगली जानवरों से बच्चे की जान नहीं बचती।”

बच्चे को तुरंत महेशगंज अस्पताल और फिर कृष्णानगर सदर अस्पताल ले जाया गया। वहां नर्सों ने उसे नहलाया, दूध पिलाया और गर्म कपड़ों में लपेटा। बच्चा फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ हैं।

पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं। माता-पिता का पता लगाने की कोशिश जारी है। लेकिन इस बीच पूरा इलाका एक ही बात कह रहा है, “इंसान ने बच्चे को फेंक दिया, कुत्तों ने उसकी जान बचाई।”

CATEGORIES
Share ThisFacebook, whatsapp, teligram

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )