
चमोली नंदानगर आपदा : 16 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकले 2 लोग, 2 के शव बरामद
चमोली : चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार रात हुई भारी बारिश और अतिवृष्टि के कारण कुंतरी और धुरमा गांवों में भारी तबाही मची है। जिला प्रशासन के अनुसार, इस आपदा में कुल 10 लोगों के लापता होने की आशंका जताई गई थी, जिनमें से 2 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 8 की तलाश जारी है।
आपदा के तुरंत बाद, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) की टीमों ने मोर्चा संभाला और मलबे से 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जिसमें आईटीबीपी, पुलिस और पीआरडी की टीमें भी लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात सचिव आपदा प्रबंधन से फोन पर जानकारी ली और प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों को तेजी से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और सभी आवश्यक मदद मुहैया कराई जाएगी।
आपदा में गंभीर रूप से घायल और बीमार हुए 11 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से देहरादून और ऋषिकेश के उच्च चिकित्सा केंद्रों में भेजा गया है। एम्स ऋषिकेश के डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नंदप्रयाग से एक 5 से 7 साल के बच्चे को गंभीर हालत में लाया गया है, जिसकी विस्तृत जांच चल रही है।
प्रभावितों को राहत शिविरों में किया गया शिफ्ट
जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने गुरुवार को आपदा प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि कुंतरी लगा फाली, सेरा और धुरमा वार्ड में 27 से 30 घर और गौशालाएँ क्षतिग्रस्त हुई हैं।
प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर बने राहत शिविरों में भेजा गया है, जहाँ उनके भोजन और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। कुंतरी लगा फाली के प्रभावितों के लिए सैती प्राथमिक विद्यालय और अन्य स्थानों पर शिविर बनाए गए हैं, जबकि धुरमा और सेरा गांव के लोगों के लिए तहसील प्रशासन व्यवस्था कर रहा है।
स्थानीय निवासी नंदन सिंह रावत ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि कई घर मलबे में दब गए हैं और लोग फंसे हुए हैं। इस आपदा ने एक बार फिर से पहाड़ों में मौसम की अनिश्चितता और उसके भयावह परिणामों को उजागर किया है। फिलहाल, सभी की निगाहें लापता 8 लोगों की तलाश पर टिकी हैं।