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‘चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोप गलत’, मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी के आरोपों पर दी सफाई

‘चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोप गलत’, मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी के आरोपों पर दी सफाई

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए ‘वोट चोरी’ और ‘फर्जी मतदाता सूची’ के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग किसी भी राजनीतिक दल के साथ भेदभाव नहीं करता है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाला हर नागरिक मतदाता है और उसे मतदान करना चाहिए। कानून के मुताबिक, हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है, तो चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है?”

‘चुनाव आयोग के लिए कोई विपक्ष या पक्ष नहीं’

ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के लिए कोई भी पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी राजनीतिक दल समान हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल को गलत बताया और कहा कि यह देश के संविधान का अपमान है।

उन्होंने कहा, “त्रुटि सुधार के लिए एसआईआर (SIR) किया जा रहा है। बिहार में सात करोड़ मतदाता चुनाव आयोग के साथ हैं। जिसका नाम मतदाता सूची में है, वही वोट दे रहे हैं। चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर देश में राजनीति हो रही है। जनता का अपमान करना संविधान का अपमान है।”

ग्राउंड रियलिटी की अनदेखी के आरोप

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जमीनी स्तर पर सभी मतदाता, राजनीतिक दल और बूथ स्तरीय अधिकारी मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। वे सत्यापन कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं।

ज्ञानेश कुमार ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित बीएलओ द्वारा सत्यापित दस्तावेज उनके अपने राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं। या फिर, जानबूझकर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।

राहुल गांधी ने लगाए थे ये आरोप

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ और ‘फर्जी मतदाता सूची’ बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने मतदाता सूची से जुड़े कुछ डेटा भी साझा किए थे और कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया था कि मतदाता सूची में गड़बड़ियां हुई हैं।

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