
धराली आपदा : राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी, 43 लोग लापता, 9 सेना के जवान भी शामिल
उत्तरकाशी | धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य तेज़ी से जारी है। गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने उत्तरकाशी के आपदा नियंत्रण कक्ष में आयोजित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और भविष्य की रणनीति की जानकारी दी।
₹5 लाख की अनुग्रह राशि का वितरण शुरू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर धराली के आपदा प्रभावित परिवारों को ₹5-5 लाख की अनुग्रह राशि दी जा रही है। अब तक 98 परिवारों को चेक भेजे जा चुके हैं, और वितरण की प्रक्रिया जारी है। प्रभावितों के लिए एक बेहतर राहत व पुनर्वास पैकेज तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, जिसके लिए राजस्व सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है।
रेस्क्यू अभियान में 1278 लोग सुरक्षित
आयुक्त ने बताया कि आपदा के तुरंत बाद युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें अब तक 1278 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। सभी बाहरी और ज़रूरतमंद स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मलवे में दबे लोगों की तलाश प्राथमिकता पर है, जिसके लिए NDRF, SDRF, पुलिस और भूवैज्ञानिकों की टीमें लगातार काम कर रही हैं।
43 लोग लापता, एक शव बरामद
अब तक 43 लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनमें से धराली निवासी एक युवक का शव बरामद हुआ है। मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान कर दी गई है। अन्य लापता व्यक्तियों में 9 सैन्यकर्मी, 8 स्थानीय निवासी, 5 पड़ोसी गांवों के लोग, 13 बिहार, 6 उत्तर प्रदेश और 1 टिहरी निवासी शामिल हैं। इसके अलावा 29 नेपाली मजदूरों में से 5 से संपर्क स्थापित हो चुका है।
सड़क संपर्क बहाली के प्रयास तेज
धराली क्षेत्र की ओर जाने वाले मार्गों को दुरुस्त करने का कार्य तेज़ी से जारी है। लिमच्यागाड़ में वैली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया गया है। भारी मशीनें डबरानी तक पहुंच चुकी हैं और मंगलवार शाम तक सोनगाड़ तक सड़क संपर्क बहाल होने की उम्मीद है। प्रभावित क्षेत्र में खच्चरों के माध्यम से गैस सिलेंडर और जरूरी सामान भेजा जा रहा है।
झील से पानी निकासी शुरू
हर्षिल में भागीरथी नदी पर बनी झील से संभावित खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग और ऊर्जा निगम ने झील से पानी की निकासी का कार्य शुरू कर दिया है।
राहत शिविरों में बेहतर व्यवस्था
प्रभावितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में भोजन, चिकित्सा और मूलभूत जरूरतों की समुचित व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और विधायक सुरेश चौहान खुद राहत शिविरों में जाकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। प्रभावित गांवों में आपदा मित्र और पंचायत प्रतिनिधि लगातार निगरानी रख रहे हैं।
आयुक्त पांडे ने आश्वासन दिया कि शासन-प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है और अगले एक-दो दिन में लापता लोगों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। आपदा नियंत्रण कक्ष लगातार सक्रिय है और ज़रूरत पड़ने पर तत्काल सहायता पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।