Trending News

उत्तराखंड : घर में पड़ी दवाइयां अब ऐसे ही नहीं फेंक सकेंगे, सरकार करने जा रही ये काम, ये है खास मुहिम

उत्तराखंड : घर में पड़ी दवाइयां अब ऐसे ही नहीं फेंक सकेंगे, सरकार करने जा रही ये काम, ये है खास मुहिम

  • अवधेश नौटियाल 

देहरादून : सभी के घरों में कुछ ना कुछ दवाइयां ऐसे ही पड़ी रहती हैं। इन दवाओं को लोग बाद में या तो कूड़े में फेंक देते हैं या फिर ऐसी कहीं भी डाल देते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। त्तराखंड सरकार ने एक्सपायर्ड और अप्रयुक्त दवाओं के सुरक्षित, वैज्ञानिक और पर्यावरण अनुकूल निस्तारण के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर राज्य जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां दवाओं के निस्तारण के लिए एक सुनियोजित और जिम्मेदार प्रणाली लागू की जा रही है।

राज्य में स्थापित होंगे ड्रग टेक-बैक साइट्स

स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की गाइडलाइंस के आधार पर उत्तराखंड के खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने ‘ग्रीन हेल्थ सिस्टम’ मॉडल तैयार किया है। इस योजना के अंतर्गत राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से ड्रग टेक-बैक साइट्स स्थापित की जाएंगी, जहां आम लोग घरों में पड़ी बेकार, एक्सपायर्ड या अप्रयुक्त दवाएं जमा कर सकेंगे।

अब नहीं फेंकनी होंगी दवाएं कचरे या नदी में

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि अब तक राज्य में दवाओं के सुरक्षित निस्तारण की कोई व्यवस्थित प्रक्रिया नहीं थी। अक्सर ऐसी दवाएं कचरे में फेंक दी जाती थीं या फिर नदियों में बहा दी जाती थीं, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे थे। इस समस्या से निपटने के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग और जिला स्तरीय टास्क फोर्स गठित की जा रही है।

वैज्ञानिक पद्धति से होगा निस्तारण

ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि अब दवाओं को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर कलर-कोडेड बैग्स, लॉग बुक सिस्टम और ई-ड्रग लॉग की मदद से निस्तारित किया जाएगा। इससे हर दवा का पूरा रिकॉर्ड रखा जा सकेगा और निस्तारण की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

पर्यावरण-संवेदनशील राज्य के लिए बड़ी पहल

उत्तराखंड जैसे पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील राज्य में यह नई नीति बेहद महत्वपूर्ण है। श्री जग्गी ने बताया कि इस पहल से न केवल पर्यावरणीय संतुलन कायम रहेगा, बल्कि जनस्वास्थ्य को भी गंभीर दुष्प्रभावों से बचाया जा सकेगा। इस पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग ड्रग कंट्रोल विभाग द्वारा की जाएगी।

जन-जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे

ड्रग कंट्रोल विभाग राज्यभर में जन-जागरूकता अभियान भी शुरू करेगा, ताकि आम नागरिक, मेडिकल स्टोर, फार्मेसियों और अस्पताल इस नई प्रणाली में सक्रिय रूप से भागीदारी निभा सकें।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई क्रांति

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की यह पहल न केवल “स्वस्थ नागरिक, स्वच्छ उत्तराखंड” मिशन को मजबूती देगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई क्रांति का सूत्रपात भी करेगी।

CATEGORIES
Share ThisFacebook, whatsapp, teligram

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )