
विराट कोहली ने क्यों छोड़ा टेस्ट क्रिकेट? क्या गुस्सा था या मजबूरी?
क्रिकेट : 14 साल तक टेस्ट क्रिकेट को अपनी जान समझने वाले विराट कोहली ने अचानक इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। सोमवार सुबह जब उन्होंने संन्यास का ऐलान किया, तो हर कोई सन्न रह गया। जिस शख्स ने टेस्ट को ताज समझा, जो सफेद जर्सी को गर्व का प्रतीक मानता था। उसने एकाएक सब कुछ पीछे छोड़ दिया। सवालों का तूफ़ान उठना लाज़मी था कि आखिर क्यों?
क्या BCCI से नाराज़ थे विराट?
सबसे बड़ा शक बीसीसीआई और विराट कोहली के रिश्तों पर जा ठहरता है। खबरें तैर रही हैं कि एक सीनियर खिलाड़ी, शायद विराट ही, रोहित शर्मा के संन्यास के बाद इंग्लैंड दौरे में टीम की कप्तानी चाहता था। मगर बीसीसीआई ने उसे साफ मना कर दिया। गौर करने वाली बात ये है कि रोहित के टेस्ट छोड़ने से पहले विराट के संन्यास की कोई भनक तक नहीं थी। लेकिन रोहित के जाते ही विराट ने भी बोरिया-बिस्तर समेट लिया। क्या ये किसी अंदरूनी साजिश या तकरार की ओर इशारा है?
फॉर्म की गिरावट
विराट कोहली का बल्ला अब वो पुराना जादू नहीं बिखेर पा रहा था। साल 2023 में उन्होंने 10 टेस्ट में सिर्फ 417 रन बनाए, औसत महज़ 24.52। 2020 से लेकर अब तक देखें तो सिर्फ 2023 ही एक ऐसा साल रहा जब उनका टेस्ट औसत 50 के पार गया। बाकी सालों में उनका प्रदर्शन लगातार गिरता रहा — 2020 में औसत 19.33, 2021 में 28.21 और 2022 में 26.50।
ऑस्ट्रेलिया दौरा बना आखिरी चोट
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज़ में विराट बुरी तरह फ्लॉप रहे। पांच मैचों में सिर्फ 190 रन, औसत 23.75। भारतीय क्रिकेट में जब प्रदर्शन गिरता है तो आलोचना की तलवार तेज हो जाती है। विराट पर भी वही तलवार लटकने लगी थी।
वर्कलोड और पारिवारिक कारण?
एक और पहलू ये भी हो सकता है — थकावट और पारिवारिक प्राथमिकताएं। तीनों फॉर्मेट खेलने वाला खिलाड़ी एक वक्त के बाद टूटता है। और जब आप 14 साल से बिना रुके जूझ रहे हों, तो शरीर और मन दोनों जवाब देने लगते हैं। ऐसे में कभी-कभी खुद को बचाना ही असली जीत होती है।
विराट कोहली का सुनहरा टेस्ट सफर
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मैच: 123
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रन: 9230
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औसत: 46.85
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शतक: 30
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अर्धशतक: 31
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डबल सेंचुरी: 7 (रिकॉर्ड)
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बतौर कप्तान जीत: 40 टेस्ट (भारत के लिए सबसे ज्यादा)