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देहरादून में पुलिस और फर्जी पुलिस का कारनामा, लूट के मामले में सात गिरफ्तार, तीन पुलिसकर्मी भी शामिल

देहरादून में पुलिस और फर्जी पुलिस का कारनामा, लूट के मामले में सात गिरफ्तार, तीन पुलिसकर्मी भी शामिल

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रॉपर्टी डीलर को झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने ठगी गई नगदी और डॉलर भी बरामद किए हैं।

क्या है पूरा मामला?

ऋषिकेश निवासी यशपाल सिंह असवाल, जो प्रॉपर्टी का काम करते हैं, ने थाना प्रेमनगर में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ समय पहले उनकी मुलाकात कुंदन नेगी नामक व्यक्ति से हुई थी। कुंदन नेगी ने बताया कि उसके परिचित राजेश रावत, राजेश चौहान और राजकुमार चौहान, जो उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के रहने वाले हैं, उनके पास 20,000 अमेरिकी डॉलर हैं और वे इसे कम दाम में बदलना चाहते हैं। सौदा करीब 8 लाख रुपये में तय हुआ।

31 जनवरी 2025 को कुंदन नेगी के कहने पर यशपाल सिंह असवाल 7.50 लाख रुपये लेकर बालाजी मंदिर, झाझरा पहुंचे, जहां सौदा तय हुआ था। मौके पर राजेश रावत, राजेश चौहान, राजकुमार चौहान और हसीन उर्फ अन्ना नामक व्यक्ति भी मौजूद थे।

फर्जी पुलिस बनकर लूटपाट

इसी दौरान दो व्यक्ति वहां पहुंचे, जिनमें से एक वर्दी में था और दूसरा सादे कपड़ों में। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए धमकाया और रुपये से भरा बैग छीन लिया। आरोपियों ने यशपाल के साथ मारपीट और गाली-गलौच भी की। बाद में उन्होंने 2.5 लाख रुपये वापस कर दिए और बाकी रकम लेकर फरार हो गए।

पुलिस ने सात आरोपियों को किया गिरफ्तार

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। थाना प्रेमनगर पुलिस ने जांच शुरू की और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों और सर्विलांस की मदद से आरोपियों की पहचान की। जांच के बाद सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

बरामदगी

  • नगद राशि: 2.30 लाख
  • अमेरिकी डॉलर: 500 डॉलर (100 डॉलर के 5 नोट)

अब भी दो आरोपी फरार

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान दो अन्य आरोपियों के नाम सामने आए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यह मामला न केवल ठगी बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, क्योंकि इसमें वर्दीधारी पुलिसकर्मी भी शामिल पाए गए हैं। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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