BIG NEWS : एक्शन में चुनाव आयोग, नगर पालिका बड़कोट में फर्जी मतदान करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
उत्तरकाशी: नगर निकाय चुनाव का घमासान चरम पर है। जैसे-जैसे वोटिंग का दिन नजदीक आ रहा है, चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही है। उत्तरकाशी जिले में नगर पालिका बड़कोट का चुनाव सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। अब तक यहां चुनाव भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के कारण चर्चा में था। अब एक और कारण से बड़कोट नगर पालिका का चुनाव चर्चा में आ गया है।
चुनाव आयोग भी एक्शन में नजर आ रहा है। नगर पालिका बड़कोट में अवैध वोटरों को लेकर आयोग ने सख्त कदम उठाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। आयोग के रुख के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल, आयोग से कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों का नाम वोटर लिस्ट में डाला गया है, जिनका नगर पालिका बड़कोट से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।
चुनाव आयोग ने लोगों की शिकायतों का संज्ञान लिया है। नगर पालिका बड़कोट में अवैध मतदाताओं के मामले में निर्वाचल आयोग के साथ ही जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग के रुख से जिला प्रशासन भी हरकत में है।
यह सवाल इसलिए उठा है कि नगर पालिका बड़कोट में कुल जनसंख्या से अधिक वोटरों के नाम दर्ज हैं। इस पर ना तो पहले चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और ना किसी अन्य पर इस पर ध्यान दिया। लेकिन, अब जब वोटर लिस्ट में प्रत्याशी वोटरों को खोज रहे हैं, तो उनके पते अन्य गांवों में मतदाता दर्ज हैं। इससे यह बात सामने आयी कि हजारों की संख्या मे लोगों के नाम मतदाता सूची मे दर्ज करा दिये गए।
जबकि, यह लोग ग्रामीण या अन्य जगह मतदाता सूची मे है। योजनाबद्ध रूप से प्रत्याशियों ने राजनैतिक लाभ के लिए इनका नाम मतदाता सूची मे दर्ज कराया है। द्वारा नगर पालिका मतदाता सूची में उन ग्रामीण लोगों के नाम दिए गए हैं जिनका नगर पालिका बड़कोट से किसी प्रकार का लेना देना नहीं है।
फर्जी ढंग से नाम दर्ज करवाने मे बी. एल. ओ. की अहम भूमिका रही है। वार्ड नं. 3, 4, 5 व 7 में बी. एल. ओ. के द्वारा 3,747 मतदाताओं के नाम फर्जी ढंग से दर्ज कराए गए हैं जिसके कारण नगर पालिका बड़कोट मतदाताओं की संख्या 10,993 तक पहुंच गई है जबकि पूरे नगर पालिका की जनसंख्या 10,536 है। ऐसे में आम नागरिकों को ये बात हजम नहीं हो रही है कि आखिर बी. एल. ओ. का काम देख रहे लोगों को निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों का क्यों ख्याल नहीं आया।
स्थानीय राम उनियाल राज्य निर्वाचन आयोग को शिकायती पत्र भेजकर फर्जी मतदान को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की। प्रारंभिक पड़ताल के उपरांत सामने आया की बीएलओ की मिलीभगत से फर्जी नाम सूची मे जुड़वाए गए। जिलाधिकारी उत्तरकाशी के द्वारा जांच के आदेश जारी किए गए। प्रशासन भी स्वीकार कर रहा है कि
मतदाता सूची में फर्जी लोग तो चढ़ाये गए हैं। ऐसे में प्रशासन के पास फर्जी मतदान रोकने की भारी चुनौती खड़ी हो गई है कि निष्पक्ष चुनाव के साथ-साथ फर्जी मतदान कैसे रोका जाये। बताया जाता है कि फर्जी मतदान रोकने के लिए प्रशासन के द्वारा भारी पुलिस बल तैनात करने के साथ फर्जी मतदाताओं को चिंहित किया जायेगा।
मतदाता को मतदान स्थल पर जाने से पूर्व बड़कोट नगर पालिका में निवास से संबंधित स्थायी-अस्थायी कोई ऐसा प्रमाण देने होंगे कि जिससे ये स्पष्ट हो जाये कि मतदाता नगर पालिका परिसर में रहते हैं। जिला प्रशासन व राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किसी भी दशा में फर्जी मतदान नहीं हो पाए, इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है।
फर्जी मतदान करने वाले लोग यदि पकड़े जाते हैं तो सुसंग धाराओं के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिस ग्राम सभा के वे वास्तविक निवासी और मतदाता हैं। उस ग्राम सभा में भविष्य में मतदान भी नहीं कर पायेंगे, अर्थात ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के चुनाव में वे लोग ना मतदान कर पायेंगे न ही चुनाव लड पायेंगे जो बड़कोट नगर पालिका में मतदान करेगा। राज्य निर्वाचन व जिला निर्वाचन के द्वारा सख्ती से निपटने की कार्य योजना के कारण फर्जी मतदान के भरोसे चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का अमन चौन हराम हो गया है।
ये होगी कार्रवाई
-जो बड़कोट नगर पालिका में मतदान करेंगे वो ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में मतदान व चुनाव में प्रतिभाग नहीं कर पायेंगे
-फर्जी तरीके से मतदान करते समय यदि पकड़े तो होगी विधिक कार्यवाही.
-बी. एल. ओ. को चुनाव आयोग को जवाब देना होगा कि कैसे इतने फर्जी मतदाता जुड़ गए?