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BKTC ने तेलंगाना में प्रस्तावित पंचकेदार मंदिर व श्री बदरीनाथ धाम की प्रतिकृति बनाने वाले ट्रस्टों को भेजा कानूनी नोटिस 

BKTC ने तेलंगाना में प्रस्तावित पंचकेदार मंदिर व श्री बदरीनाथ धाम की प्रतिकृति बनाने वाले ट्रस्टों को भेजा कानूनी नोटिस 

देहरादून : श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी)ने तेलंगाना में कतिपय ट्रस्टों के प्रस्तावित श्री बदरीनाथ धाम तथा पंचकेदार मंदिर की प्रतिकृति के मंदिर निर्माण की खबरों का संज्ञान लेकर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने संबंधित समितियों /ट्रस्टों को कानूनी नोटिस जारी कर दिया है। इस संबंध में सचिव धर्मस्व एवं संस्कृति को भी अवगत कराया है।

श्री बद्रीनाथ टेम्पल, उत्तराखण्ड कल्याणकारी संस्था बांदा, मैलाराम, तेलंगाना तथा दक्षिणेश्वर, केदारनाथ मन्दिर ट्रस्ट जीडिमेटला, हैदराबाद, तेलंगाना के अध्यक्षों के नाम नोटिस जारी किया गया है।

कानूनी नोटिस में कहा गया है कि श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ मन्दिर समिति, अविभाजित उत्तर प्रदेश श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ मन्दिर अधिनियम 1939 (यथा संशोधित) के अधीन संचालित राज्य सरकार के नियन्त्रणाधीन समिति है। वर्तमान में उत्तराखंड शासन के नियंत्रणाधीन है।मुख्यकार्याधिकारी, मन्दिर अधिनियम के प्रावधानानुसार प्रमुख कार्यकारी अधिकारी है और समिति के कर्तव्यों व अधिकारों सम्बन्धी नीतियों का कार्यपालक अधिकारी है।

अनादिकाल से धार्मिक मान्यताओं, आस्था एवं श्रद्धा का एकमात्र केन्द्र श्री भगवान बद्रीविशाल की पुण्य भूमि और श्री मन्दिर बदरीनाथ धाम/ श्री केदारनाथ धाम (उत्तराखण्ड) में स्थित है, श्री भूमि एवं श्री धाम की धार्मिक महत्ता, मान्यता सनातन धर्मगन्थों में वर्णित है।

देश ही नही विश्वभर के सनातन धर्मावलम्बी निरन्तर धाम में पुण्य प्राप्ति हेतु यात्रा करते रहते हैं।विभिन्न सनातन धर्मावलम्बी, सोशल मीडिया आदि स्त्रोतों से ज्ञात हुआ मन्दिर, गर्भगृह आदि पूर्णतः श्री बदरीनाथ धाम के मन्दिर तथा अन्य मंदिर पंचकेदार की प्रतिकृति के रूप में है।

प्रस्तावित मन्दिरों का प्रचार-प्रसार श्री बदरीनाथ धाम / केदारनाथ धाम/ पंचकेदार के रूप में किया जा रहा है साथ ही धार्मिक मान्यताओं, भावनाओं और सनातन आस्थाओं को विरूपित कर, इसके कार्यक्रमों को वास्तविक श्री बदरीनाथ धाम एवं केंदारनाथ धाम के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जो किसी भी विधि एवं मान्यताओं के विरूद्ध है।

ये संस्थाओं द्वारा प्रस्तावित श्री बदरीनाथ मन्दिर / पंचकेदार मंदिरों की ना तो कोई धार्मिक या पौराणिक मान्यता है और न ही कोई युक्तियुक्त कारण है, जो केवल निजि स्वार्थ सिद्धि हेतु निर्मित किया गया प्रतीत होता है।

श्री बदरीनाथ मन्दिर का निर्माण, निर्माण में श्री मन्दिर एवं श्री केदारनाथ धाम की प्रतिकृति बनाकर धाम के रूप में प्रचारित करना एवं श्री धामों की धार्मिक आस्था, मान्यताओं को इस मन्दिर के पक्ष में प्रसारित करना धार्मिक सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था को आहत करने का ही नहीं अपितु भारतीय न्याय संहिता 2023 के प्रावधानों के अधीन भी दण्डनीय अपराध है जो संस्था उपरोक्त ट्रस्टों के विरूद्ध दीवानी एवं फौजदारी न्यायिक कार्यवाही की अपेक्षा करता है।

नोटिस में दो सप्ताह में ट्रस्टों के उद्देश्य, कार्यकलाप एवं वैधानिकता से सम्बन्धित दस्तावेज / जानकारी उपलब्ध करवाते हुए, अपना पक्ष रखने को कहा गया है

ऐसा न करने की दशा में वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी गयी है। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मंदिर समिति ने कानूनी नोटिस संबंधित ट्रस्टों के पते पर भेज दिये है।

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