Highlight : सूचना अधिकार का अनुपालन न होने पर कार्रवाई, जिज्ञासा विश्वविद्यालय पर लगा 35 हजार का जुर्माना , – Khabar Uttarakhand
जिज्ञासा विश्वविद्यालय में सूचना अधिकार का अनुपालन न होने पर राज्य सूचना आयोग ने कार्रवाई की है। शासन को प्रथम अपीलीय अधिकारी नामित करने के निर्देश जिज्ञासा यूनिवर्सिटी द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम का अनुपालन न किए जाने पर राज्य सूचना आयोग ने विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी पर 35 हजार रूपए का जुर्माना लगाते हुए विश्वविद्यालय द्वारा अपीलार्थियों को 10 हजार रूपए क्षतिपूर्ति दिए जाने के आदेश दिए हैं।
सूचना अधिकार का अनुपालन न होने पर कार्रवाई
सूचना अधिकार का अनुपालन न होने पर जिज्ञासा विश्वविद्यालय पर कार्रवाई हुई है। आयोग ने विश्वविद्यालय में प्रथम अपील की सुनवाई न होने को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और उच्च शिक्षा सचिव से निजी विश्वविद्यालयों में सूचना अधिकार के अंतर्गत् प्रथम अपील की सुनवाई के लिए शासन के अंतर्गत् प्रथम अपील की सुनवाई के लिए शासन के अधिकारी को प्रथम अपीलीय अधिकारी नामित किए जाने हेतु निर्देशित किया है।
राज्य सूचना आयोग द्वारा जिज्ञासा विश्वविद्यालय के कुलपति को सूचना अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु लोक सूचना अधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाने और विश्वविद्यालय में अधिनियम का भविष्य में प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने दिए निर्देश
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने ये निर्देश आयोग में जिज्ञासा (पूर्व में हिमगिरी जी नाम) विश्वविद्यालय द्वारा चार अलग-अलग अपीलों में सूचना न दिए जाने पर सुनवाई के दौरान अपीलार्थियों को सूचना उपलब्ध कराने के उपरान्त अंतिम आदेश जारी करते हुए दिए हैं।
राज्य सूचना आयोग अपीलार्थी रोहित गोयल, निवासी खुड़बुड़ा, देहरादून, डाॅ परवीन कुमार निवासी ग्राम रोरधा ब्लाॅक जाले, जिला दरभंगा बिहार, बसन्त कुमार निवासी सहारनपुर उत्तरप्रदेश व रजनीश तिवारी निवासी समस्तीपुर, बिहार द्वारा सूचना न दिये जाने और प्रथम अपील की सुनवाई न किए जाने पर अपील दायर की गई थी।
आयोग में सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा सभी अपीलों की सुनवाई की गई और अपीलार्थियों द्वारा वांछित सूचना संबंधी समस्त अभिलेख आयोग में तलब करते हुए अपीलार्थियों को सूचना दिलाई गई। आयोग द्वारा सुनवाई में सूचना अधिकार अधिनियम का विश्वविद्यालय द्वारा अनुपालन न किए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई। जिसके बाद आयोग ने ये निर्देश जारी किए।