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चकराता की खूबसूरती और होटल ‘उत्तरायण’ का आतिथ्य, मसूरी को भूल जाएंगे

चकराता की खूबसूरती और होटल ‘उत्तरायण’ का आतिथ्य, मसूरी को भूल जाएंगे

  • भारत नौटियाल 

चकराता…हिमालय पर 7000 फ़ीट की ऊंचाई पर बसा यह नगर अपने शांत वातावरण, प्रदूषण मुक्त पर्यावरण से यहां आने वाले हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह नगर देहरादून से 78 किलोमीटर दूर है और उत्तर पश्चिम उत्तराखंड के जौनसर-बावर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। दिल्ली से यहां की दूरी लगभग 298 किलोमीटर है।

Evening 5 pm Purodi Chakrata covered with Clouds

चकराता की स्थापना कर्नल ह्यूम और उनके सहयोगी अधिकारियों ने की थी। उनका सम्बंध ब्रिटिश सेना के 55 रेजिमेंट से था। यहां के वातावरण को देखते हुए अंग्रेजों ने इस स्थान को समर आर्मी बेस के रूप में इस्तेमाल किया। वर्तमान में यहां सेना के जवानों को कमांडों की ट्रैनिंग दी जाती है। आने वाले सैलानियों के लिए यहां अच्छे होटल, रिसोर्ट हैं और इसी श्रृंखला में पुरोड़ी (चकराता) में एक और बेहतरीन होटल खुला है, नाम है ‘होटल उत्तरायण‘।

Sun Basking with early morning Green tea 

हाल के दिनों हम अपने चकराता ट्रिप पर होटल उत्तरायण में रुके। तीन रात उत्तरायण में बिताने के बाद भी मेरा बीटा देवांश यहां से देहरादून (घर) नहीं आना चाहता था।

Hotel Uttrayan, Chakrata

बहुत ही उत्तम विलाज, रूम्स, इंडोर गेम्स, कमरों के बालकनी से खूबसूरत सूर्योदय, आपके बिस्तर पर सूर्योदय होते ही पड़ती सुनहरी धूप, हॉट वॉटर बाथ टब विथ जकूज़ी और स्वादिष्ट भोजन मिल जाये तो किसे यहां से जाने का मन करेगा। होटल उत्तरायण के मालिक अमित जोशी बताते हैं कि “मेरा सपना था की चकराता में ऐसा होटल बनाएं, जहां गेस्ट के लिए हर आराम-सुविधा का इंतेज़ाम हो। आज जिस तरह से मसूरी, नैनीताल में अच्छे होटल तो बहुत हैं, पर शांति नहीं है।

Hot Bath n Jacuzzi

हमारी कोशिश है कि हम चकराता की खूबसूरत वादियों में गेस्ट को लक्ज़री स्टे कराएं” , और यकीन मानिए इस सोच पर हमने होटल उत्तरायण को खरा पाया। होटल का स्टाफ आपका बहुत अच्छा ख्याल रखेगा, होटल उत्तरायण का शरीर अगर उसके मालिक अमित जोशी हैं तो उसकी आत्मा उनकी 22 वर्षीय बेटी सारा जोशी है।

Owner Shri Amit Joshi and his daughter Sara Joshi

सारा ने दिल्ली से अपना ग्रेजुएशन किया है और आज अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए पहाड़ों पर आ गयी है, अपनी जड़ों में।  सारा कहती हैं कि “हम अगर अपने गांव अपने पहाड़ छोड़कर शहरों की चकाचौंद देख कर भागेंगे तो यहां कौन रहेगा।”

उत्तराखंड के पहाड़ों में बूढी दिवाली मनाई जाती है, जो दिवाली (31 अक्टूबर 2024) के ठीक एक महीने बाद मनाई जाएगी। सारा जोशी ने बताया कि “इस साल हम अपने होटल के गेस्ट्स के लिए बूढी दिवाली में तीन दिनों का कार्यक्रम करने जा रहे हैं, जिसमें गेस्ट्स उत्तराखंड के पहाड़ों के गांव में दिवाली मना सकेंगे, यहां की संस्कृति और  हमारी पहाड़ी विरासत का अनुभव कर सकेंगे”।

5.45 am Sunrise from Hotel Uttrayan

उत्तरायण होटल में हमने एक ही दिन में सुबह 6 बजे सम्मोहित कर देना वाला सूर्योदय देखा, दोपहर पुरोड़ी गांव से चकराता (3 किलोमीटर) टहलते हुए साफ़ नीले आसमान में हिमालयन ईगल्स देखे तो पहाड़ों पर भेड़, बकरी, गाय घास चरते देखे, चकराता के सदर बाजार में घूमने का आनंद उठाया।

Sadar bazar Chakrata

शाम 4 – 4.30 बजे उत्तरायण लौटते समय पुरोड़ी गांव में हमारे स्वागत में बादल आ गए और बादलों के बीच में पुरोड़ी गांव और होटल उत्तरायण की खूबसूरती उसका एक अलग मनमोहक रूप दिखा रही थी।

लगभग एक दो घंटे में आसमान फिर से साफ़ हो गया और अब रात को आसमान में टिमटिमाते हज़ारों तारे हमें अपनी ओर खींच रहे थे। शांत हिमालय में अपने होटल के डेक एरिया से प्रकृति के इस नज़ारे ने हमें सम्मोहित कर दिया। एक दिन में प्रकृति के इतने खूबसूरत रूप आप हिमालय से ही देख पाते हैं।

(नोट : लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. प्रथिष्ठित  साप्ताहिक  नूतन सवेरा  व www.nutansavera.com ऑनलाईन के संपादक हैं.) 

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