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उत्तराखंड: 40 कांवड़ियों की जान बचा चुके SDRF के जांबाज, चर्चाओं में आशिक अली

उत्तराखंड: 40 कांवड़ियों की जान बचा चुके SDRF के जांबाज, चर्चाओं में आशिक अली

हरिद्वार: हरिद्वार में इन दोनों कावड़ मेला चल रहा है। धर्मनगरी हरिद्वार में हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। जहां नजर दौड़ाओ, वहां सिर्फ शिव भक्त कांवड़िए ही नजर आते हैं। कांवड़िए मां गंगा का जल तो भरते ही हैं, साथ ही गंगा में स्नान भी करते हैं। स्नान के बगैर उनकी धार्मिक प्रक्रिया अधूरी रह जाती है। गंगा में नहाने के दौरान कई कांवड़िए बहने लगते हैं, जिनको बचाने के लिए गंगा घाटों पर SDRF के जांबाज जवान तैनात हैं। 

SDRF के बेझिझक, निडर और बेखौफ जवान

यह जांबाज जवान जैसे ही किसी कांवड़िए को बहता देखते हैं। बेझिझक, निडर और बेखौफ होकर चीते की फुर्ती से गंगा नदी में छलांग लगा देते हैं और पलभर में बहते कांवड़िए को बचा लाते हैं। दुकानों पर नाम लिखने के फरमान जारी करने को हुए विवादों की बीच SDRF का हेड कांस्टेबल आशिक अली चर्चाओं में हैं। वह SDRF की टीम के साथ गंगा घाट पर तैनात हैं।

40 जवानों की जान बचा चुके SDRF जवान

बाज जैसी नजरें और चीते जैसी फुर्ती

गंगा घाटों पर इनकी बाज जैसी नजरें और चीते जैसी फुर्ती कांवड़ियों के लिए जीवनदान होता है। ये सभी हर पल गंगा घाट के अलग-अलग किनारों पर आंखे जमाए नजर आते हैं। जैसे कोई नदी में बहने लगता है। SDRF के ये जवान कूद पड़ते हैं और अपनी जान जोख़िम में डालकर कांवड़ियों और अन्य बहते लोगों को बचा लाते हैं। SDRF के इन जाबांजों ने 40 से अधिक कावड़ियों को रेस्क्यू किया है। हेड कांस्टेबल आशिक अली किसी भी कावड़िए को डूबते हुए देखते हुए तुरंत गंगा नदी में छलांग लगाते हैं। कांवड़ियों को बचाकर लाते हैं।

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आशिक अली की हो रही चर्चा 

कांवड़िए गंगा नदी में आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में नदी का बहाव तेज है. ऐसे में किसी अनहोनी से बचाने के लिए SDRF के जवानों घाट पर डटे हुए हैं। उन्हीं में से एक जाबांज तैराक आशिक अली अब 40 से ज्यादा कांवड़ियों के नई जिंदगी दे चुके हैं। तैराकों में SDRF में तैनात हेड कॉन्स्टेबल आशिक अली इन दिनों काफी चर्चा में है। 

40 जवानों की जान बचा चुके SDRF जवान

 

हर वक्त रहते हैं तैयार 

आशिक अली देहरादून के सहसपुर के रहने वाले हैं। वह साल 2012 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए थे। साल 2021 में SDRF में ही हेड कांस्टेबल बने। SDRF से जुड़ने के बाद से ही वह लगातार उन जगहों पर लोगों को बचाने के लिए जाते हैं, जहां पर उनकी जरूरत होती है।

SDRF की टीम

SDRF की टीम में जितेंद्र सिंह, प्रदीप रावत, अनिल कोठियाल, सुरेंद्र लक्ष्मण, संदीप, रजत और शिवम सिंह शामिल हैं। 

 

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