उत्तराखंड: क्या बद्रीनाथ सीट से गणेश गोदियाल होंगे कांग्रेस का ‘मास्टर स्ट्रोक’?
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क्या गणेश गोदियाल लड़ेंगे विधानसभा का उप चुनाव?
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बद्रीनाथ सीट पर गोदियाल को उतार सकती है कांग्रेस?
देहरादून : लोकसभा चुनाव में पांचों सीटें गंवा चुकी कांग्रेस सब बद्रीनाथ और मंगलोर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर गंभीर नजर आ रही है। कांग्रेस की नजर इन दोनों सीटों को जीतने पर है, जिसके लिए लगातार पार्टी के भीतर मंथन का दौर चल रहा है। भाजपा में जहां बद्रीनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव में पांच नामों के पैनल चर्चा है। वहीं, कांग्रेस के भीतर भी लगातार बैठकों का दौर जारी है। किसके नाम पर मुहर लगेगी, फिलहाल यह तय नहीं है, लेकिन कांग्रेस कोई चौंकाने वाला फैसला कर सकती है।
कांग्रेस बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में लोकसभा चुनाव में मिली हार का हिसाब बराबर करना चाहती है। जिन नामों पर चर्चा चल रही है, उनमें गणेश गोदियाल का नाम भी शामिल है। गोदियाल ने उपचुनाव में लड़ने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन, पार्टी के भीतर से गोदियाल को चुनावी मैदान में उतारने की मांग जोर पकड़़ रही है।
वहीं, मंगलौर सीट पर पूर्व विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन की टिकट पर मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से दावेदारों के नाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजे गए हैं। इनमें से तीन नाम ही पैनल में पार्टी हाईकमान को भेजे जाएंगे।
चर्चाओं की मानें तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और गढ़वाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी रहे गणेश गोदियाल का नाम भी बदरीनाथ सीट पर फाइनल हो सकता है। गोदियाल लोकसभा चुनाव में अपने दम पर लड़े। उनके चुनाव अभियान की सियासी गलियारों में खूब चर्चा हुई। जिससे माना जा रहा है कि हाईकमान गोदियाल पर दांव लगा सकती है।
देखना होगा कि कांग्रेस बद्रीनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव पर किसके नाम पर मुहर लगती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे और उसके बाद नामों का जो पैनल बनेगा, उसे कांग्रेस आलाकमान को भेजा जाएगा, जहां से प्रत्याशी के नाम पर अंतिम फैसला होगा।
अगर गणेश गोदियाल को कांग्रेस मैदान में उतारती है तो कांग्रेस की जीत की उम्मीदें बढ़ जाएंगी। गणेश गोदयाल को भी लोकसभा में मिली हार का बदला चुकाने का मौका मिल जाएगा। चुनाव मैदान में उतरने से उनको जहां लोगों की सहानुभूति मिल सकती है। बद्रीनाथ विधानसभा सीट से अगर वह जीत कर विधानसभा में पहुंचते हैं तो कांग्रेस को सदन में भी एक मजबूत आवाज के रूप में गोदियाल के चेहरे का फायदा हो सकता है।