उत्तराखंड: जोशीमठ की जानकारी को मीडिया को नहीं देंगी एजेंसियां, आखिर क्यों?
देहरादून: जोशीमठ भू-धंसाव मामले में अब सरकार ने आपदा से जुड़ी जांच एजेंसियों की ओर से सार्वजनिक की जा रही रिपोर्टों पर रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने इसको लेकर सुर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसरो की रिपोर्ट के अचानक वेबसाइट से गायब होने के बाद यह खबर सामने आई है।
इसरो की जोशीमठ को लेकर रिपोर्ट जारी की गई थी। उस रिपोर्ट में जोशमठ का पूरा सच बताया गया था। रिपोर्ट के गायब होने के बाद खबरें सामने आई तो उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बयान दिया कि उनके कहने पर रिपोर्ट को हटाया गया है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार आखिर क्या छुपाना चाहती है? क्यों पूरा सच सामने नहीं आने दिया जा रहा है?
इन सवालों को अब और बल मिल रहा है कि सरकार नहीं चाहती के लोगों को जोशीमठ की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके। इसके लिए भू-धंसाव का पता लगा रही एजेसियों को कह दिया गया है कि वो अपनी ओर से किसी भी तरह की कोई रिपोर्ट जारी नहीं करेंगे। आखिर इससे क्या हासिल होने वाला है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने 12 जनवरी को नई दिल्ली में जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में समीक्षा बैठक की थी। शुक्रवार को इस संबंध मे एनडीएमए के संयुक्त सलाहकार बिस्वारुप दास की ओर से सर्कुलर जारी किया गया। सर्कुलर में कहा गया है कि जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध विभिन्न सरकारी संस्थाएं सोशल मीडिया पर अपने स्तर से आंकड़े जारी कर रही हैं। वे मीडिया से जोशीमठ के हालात की अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं।
यह न सिर्फ प्रभावित रहवासियों बल्कि देश भर के नागरिकों के मध्य भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है। पत्र में उल्लेख है कि 12 जनवरी को ही प्राधिकरण के सदस्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि जोशीमठ के भू धंसाव का आकलन करने के लिए एक विशेष समूह गठित किया जा चुका है। सभी संस्थानों को निदेशकों को ताकीद किया गया है कि वे विशेष समूह की अंतिम रिपोर्ट आ जाने तक मीडिया फोरम पर कोई सूचना साझा न करें।
यही बात धन सिंह रावत भी कह रहे हैं कि इससे लोगों में दहशत है। समझ में यह नहीं आ रहा है कि रिपोर्टों से कौन सी दहशत फैल रही है। जोशीमठ की वास्तविक स्थिति ता सामने आनी ही चाहिए, जिससे सरकार और खुद लोग समय रहते लोगों को पूरी जानकारी मिली सके। अब तक की रिपोर्टों में काफी हद तक चीजें साफ भी हो चुकी हैं। अधिकांश रिपोर्टों में कहा गया है कि जोशीमठ पर बड़ा खतरा है। शहर के एक हिस्सा धंस रहा है, जिसका असर अब औली रोपवे पर भी दरारों के रूप में नजर आ रहा है।
इन केंद्रीय संस्थानों को दिए निर्देश
CBRI रुड़की.
GSI कोलकाता.
NRC-ISRO हैदराबाद.
CHWZB नई दिल्ली.
सर्वे जनरल ऑफ इंडिया.
SOI देहरादून, IIRS देहरादून.
NGRI हैदराबाद.
NHI रुड़की, WIHG, देहरादून.
IIT रुड़की.
ED, NIDM, नई दिल्ली
सचिव, उत्तराखंड SDMA देहरादून.