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उत्तराखंड: 13 दिन बाद रिटायर होंगे रोडवेज के 84 कर्मचारी, कोई नहीं जाना जाता घर, जानें वहज

देहरादून: रिटायरमेंट किसी भी कर्मचारी के जीवन में एक भावुक पल होता है। इस दिन को हर कोई खास बनाना चाहता है। लेकिन, ऐसा आपने शायद ही कभी सुना होगा कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट है और वो घर नहीं जाना चाहते हैं। जी हां, आपने सही सुना है। उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) में कुछ ऐसा ही हो रहा है। रिटायर हो रहे कर्मचारी घर नहीं जाना चाहते हैं।

रोडवेज के 84 कर्मचारी 13 दिन बाद जबरन रिटायर कर दिए जाएंगे। उनके रिटायरमेंट की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। परिवहन निगम ने कर्मचारियों को खुद ही तीन माह का समय दिया था, लेकिन अब तक कोई भी कर्मचारी खुद रिटायरमेंट लेने नहीं आया। परिवहन निगम ने नौ सितंबर को 84 अक्षम कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने का आदेश जारी किया था।

16 सितंबर को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। निगम ने देहरादून, नैनीताल, टनकपुर के मंडल प्रबंधन को आदेश दिया था कि वह अक्षम कर्मचारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दें और उसकी जानकारी मुख्यालय को भेजे। इसमें स्पष्ट किया गया था कि एक लिपिक, 69 ड्राईवर, 14 अक्षम कंडक्टर रिटायर किए जाने हैं।

इन सभी अक्षक कर्मचारियों को परिवहन निगम कर्मचारी सेवा नियमावली-2015 के विनियम 37 (क) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है। तीन माह के भीतर सभी कर्मचारियों को कहा गया था कि वह इस दौरान खुद भी रिटायरमेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अब तक किसी ने भी आवेदन नहीं किया है।

परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन और तकनीक दीपक जैने के मीडिया को दिए बयान के अनुसार 14 कर्मचारियों ने हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ली है। निगम अधिकारियों के मुताबिक, इनके सभी देयकों का भुगतान नियमानुसार कर दिया गया है।

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