IGAS Festival 2022: उत्तराखंड में ईगास बग्वाल पर रहेगी छुट्टी, अधिसूचना जारी
IGAS Festival 2022 : उत्तराखंड में बूढ़ी दिवाली यानी ईगास लोकपर्व (egas festival) को लेकर छुट्टी की अधिसूचना जारी हो गई है। बीते दिनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास पर छुट्टी (igas holiday) को लेकर घोषणा की थी। प्रदेश में यह दूसरा मौका होगा जब लोकपर्व ईगास बग्वाल को लेकर अवकाश घोषित किया गया है।
उत्तराखंड में इस बार भी लोकपर्व इगास पर रहेगा सार्वजनिक अवकाश, अधिसूचना जारी।#igasfwstival #egasfestival #bharatjan #भारतजन #uttarakhand pic.twitter.com/alo3XfGmX7
— BharatJan भारतजन (@bharat_jan) November 1, 2022
बता दें कि, इस बार इगास बग्वाल (Igas festival 2022 date) 04 नवंबर को है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश को लेकर आज मंगलवार को शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकपर्व ईगास बग्वाल (Igas bagwal) पर राजकीय अवकाश की घोषणा की थी।
सीएम धामी ने पहाड़ी बोली भाषा में ट्वीट कर लिखा था कि “आवा! हम सब्बि मिलके इगास मनोला नई पीढ़ी ते अपणी लोक संस्कृति से जुड़ोला। लोकपर्व ‘इगास’ हमारु लोक संस्कृति कु प्रतीक च। ये पर्व तें और खास बनोण का वास्ता ये दिन हमारा राज्य मा छुट्टी रालि, ताकि हम सब्बि ये त्योहार तै अपणा कुटुंब, गौं मा धूमधाम से मने सको। हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।”
EGAS Festival इगास बग्वाल क्या है ?
उत्तराखंड में दिवाली के बाद 11वें दिन यानी एकादशी को लोकपर्व इगास बग्वाल मनाने का रिवाज है। मान्यता है कि, जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में भगवान राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली थी, इसलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया था।
IGAS Festival ईगास बग्वाल क्यों मनाई जाती है?
एक अन्य मान्यता है कि, दिवाली के वक्त गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना ने दापाघाट और तिब्बत का युद्ध जीतकर विजय प्राप्त की थी और दिवाली के ठीक 11वें दिन गढ़वाल सेना अपने घर पहुंची थी। युद्ध जीतने और सैनिकों के घर पहुंचने की खुशी में उस समय दिवाली मनाई गई थी।