उत्तराखंड: बेरोजगार संघ को CM धामी का आश्वासन, कराएंगे CBI जांच
देहरादून : उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल CM पुष्कर सिंह धामी से मिला। मुलाकात के बाद बेरोजगार संघ ने कहा कि CM धामी VDO/VPDO भर्ती घोटाले में CBI जांच का आश्वासन दिया है।
भर्ती घोटाले की शिकायत बॉबी पंवार ने ही मुख्यमंत्री धामी से की थी। उन्होंने ही माफिया और अधिकारियों के गठजोड़ को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे युवाओं ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की और आयोग की ओर हुई भर्तियों की तत्काल प्रभाव से CBI जांच की मांग की।
मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को सुनते हुए कहा कि किसी भी बड़े नाम को बचाया नहीं जाएगा और जल्द ही CBI जांच भी कराई जाएगी। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री से हमें हमारी मांगों पर एक्शन का आश्वासन जरूर मिला है।
लेकिन, जब तक मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल में राम कंडवाल, पीसी पन्त, गणेश धामी, ह्रदयेश शाही, जितेंद्र ध्यानी,अर्चना नेगी आदि मौजूद रहे।
बेरोजगारों की बड़ी बातें
VDO / VPDO स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर की बड़े स्तर पर हुई खरीद फरोख्त को देखते हुए यथाशीघ्र इस परीक्षा को निरस्त कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाय।
UKSSSC, UKPSC, विधानसभा सचिवालय, सहकारिता विभाग, उच्चशिक्षा, स्वास्थ्य विभाग, AE / JE पंतनगर / UKPSC व STF के पास जाँच वाली भर्तियों में भ्रष्टाचार की व्यापकतानुसार इनकी जाँच उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई (CBI) को सौंपी जाय सख्त नकल रोधी कानून का ड्राफ्ट यथाशीघ्र एक निश्चित समयांतराल में तैयार करवाकर लाग करने से पूर्व युवाओं के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाय।
प्रदेश की सरकारी नौकरियों में उत्तराखण्ड की महिलाओं को दिए जाने वाले 30% क्षैतिज आरक्षण के दृष्टिगत सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाने की बजाय अध्यादेश लाकर देवभूमि। उत्तराखण्ड की महिलाओं के साथ न्याय करे।
आयोग द्वारा UKSSSC व UKPSC की परीक्षाओं का वार्षिक कैलेण्डर जारी किया जाय एवं सभी परीक्षाओं को एक ही पाली में आयोजित करवाकर सरलीकरण (Normalization) के कारण अभ्यर्थियों के साथ हो रहे अन्याय पर रोक लगे।
परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की छपाई का कार्य आयोग के भीतर ही उच्चस्तरीय सुरक्षा में किसी विशेष समिति (जैसे- विजलेस) की निगरानी में हो एवं भविष्य में पेपर लीक होने पर आयोग की जवाबदेही तय की जाय।
विवादित परीक्षाओं की जाँच कर अनियमिततायें पाये जाने वाली भर्ती परीक्षाओं पर तत्काल कठोर कार्रवाई हो एवं निर्विवादित परीक्षाओं की अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र आरम्भ की जाय।
सभी बैकडोर (चोर दरवाजे से होने वाली भर्तियों पर पूर्ण रूप से रोक लगे एवं किसी भी विभाग में अस्थाई पदों पर होने वाली नियुक्तियों को भी पारदर्शी व्यवस्था / लिखित परीक्षा के माध्यम से संपन्न कराने हेतु प्रणाली विकसित की जाय।
उत्तराखण्ड राज्य के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुये उच्च शिक्षा सहायक प्राध्यापक भर्ती में API स्कोर को तत्काल हटाया जाय व U-SET जो विगत 6 वर्षों से आतिथि तक आयोजित नहीं हुई है इसका वर्षवार आयोजन किया जाय।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष व सचिव पद पर किसी वरिष्ठ ईमानदार आईएएस की नियुक्ति की जाय व समूह ग की सभी परीक्षाओं को उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की बजाय उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा ही संपन्न करवाई जाय क्योंकि लोक सेवा आयोग के पिछले 5 वर्षों की कार्यप्रणाली में कई विवाद सामने आये हैं।
लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड द्वारा जारी परीक्षा परिणामों में सफल हुये अभ्यर्थियों के अनुक्रमांको के साथ-साथ अभ्यर्थी का नाम, पिता का नाम एवं परीक्षा के प्राप्तांक भी दर्शाये जायें ताकि लोक सेवा आयोग की पारदर्शिता पर कोई प्रश्नचिन्ह न खड़ा हो एवं अभ्यर्थियों को एक पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था मिल सके।
पूर्व में सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता / सिविल के 228 रिक्त पदों जिसे विज्ञापन से एक दिन पूर्व हटा दिया गया था एवं कनिष्ठ अभियंता / यांत्रिकी 48 की विज्ञप्ति उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी की गई उक्त विषयक आपसे अनुरोध है कि कनिष्ठ अभियंता / सिविल के 228 रिक्त पदों पर भी तत्काल विज्ञप्ति जारी कर अग्रिम कार्यवाही की जाय।