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पल्या एणी जुड़ी अठूड़ कि होकाण्या लगी तमाश, देवता नई दी राजी-कुसी का ज्यूंदेऊ

पल्या एणी जुड़ी अठूड़ कि होकाण्या लगी तमाश, देवता नई दी राजी-कुसी का ज्यूंदेऊ

पल्या एणी जुड़ी अठूड़ कि होकाण्या लगी तमाश, देवता नई दी राजी-कुसी का ज्यूंदेऊ

बड़कोट : उत्तरकाशी क पाल्या गां रंवाई घाटी की भौत जाणी-मानी जातरा अठूड़ एणी जूड़ी कि दुनिया टूटी तमाशु ली। अठोड़ी मां बाकरू कु लग असली तमाश।  जाख देवता अर समेश्वर नि आपड़ी जनता अर भक्तु राजी-कुसी क जियूंदेऊ दी। कफुआ की आपड़ी छांटड़ी बात अर मान्यता।

अठोड़ी ली बेट्या-ब्वारया सबा आऊं। दुरू-दुरू नौकरी करन आव छोरा बि आऊं घर। रंवाई क गां-गां नि आऊं लोक तमाशु ली। ओरू जनपदू के लोक बि पौंछू एख। ऐंसू कृषि मंत्री गणेश जोशी बि त आयूं।

अठूड़ हेरनी ली जु एक बार आइजा, तेइकी होइक साल बि जरूर कर आंण ली जुकुड़ी। रंवाई की संस्कृति की आपड़ी अलगै पछयाण। यी छुंई आमु ओरु किनी छांटड़ी बी बंता।

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पाली गांव में आयोजित पौराणिक अठोड़ मेला परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इस मेले में भाग लेकर जाख सोमेश्वर सहित अन्य लोक देवताओं की पूजा-अर्चना कर देश व प्रदेश की खुशहाली और प्रगति की कामना की। इस मौके पर श्री जोशी ने कहा कि लोक संस्कृति के संवाहक अठोड़ मेले को राज्य स्तरीय मेले का दर्जा दिलाया जाएगा।

पाली गांव में जाख सोमेश्वर मंदिर परिसर में आयोजित रंवाई घाटी का सुप्रसिद्ध पौराणिक अठोड़ मेले के अवसर पर क्षेत्र के तमाम गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इस अनूठे लोकपर्व का भव्य जश्न मनाया। परंपरानुसार आठ वर्षो के अंतराल पर आयोजित होने वाला यह मेला इस बार सात साल बाद आयोजित किया गया।

धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से लबरेज इस मेले में देव डोलियों के दिव्य नृत्य के साथ ही जन-समूह के द्वारा पारंपरिक लोकनृत्यों ने अद्भुत समां बांधा। मेले में भाग लेने पहॅुंचे प्रदेश के कृषि, कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण एवं ग्राम्य विकास विभाग के मंत्री गणेश जोशी ने भी जनसमूह के साथ पारंपरिक तांदी नृत्य में भाग लिया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री जोशी ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि रवांई क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक अठोड़ मेले को अब हर पॉंच वर्ष में आयोजित करने के स्थानीय लोगों के निर्णय एवं आग्रह पर राज्य मेला घोषित कराया जाएगा।

गणेश जोशी ने इस मेले के पौराणिक स्वरूप और सांस्कृतिक वैभव को कायम रखने के लिए मेला आयोजन समिति और क्षेत्रीय लोगों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार इस तरह के आयोजनों को पूरा समर्थन व सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने राज्य के विकास तथा खेती-बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में किसानों की सुविधा के लिए एक केन्द्र की स्थापना भी की जाएगी।

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