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उत्तराखंड : लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी को मिला ‘परम विशिष्ट सेवा मेडल’, उनके नाम दर्ज है से खास रिकॉर्ड

उत्तराखंड : लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी को मिला ‘परम विशिष्ट सेवा मेडल’, उनके नाम दर्ज है से खास रिकॉर्ड

उत्तराखंड : लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी को मिला ‘परम विशिष्ट सेवा मेडल’, उनके नाम दर्ज है से खास रिकॉर्ड पहाड़ समाचार editor

  • पहाड़ समचार

सेना की इंजीनियर्स कोर के लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा। जनरल डिमरी इसी साल 28 फरवरी को सेंट्रल आर्मी कमांडर के पद से रिटायर हुए थे। उनको इससे पहले भी कई बड़े अवार्ड मिल चुके हैं। उन्होंने कई अहम पदों पर सेवाएं देखकर देश के लिए अपना योगदान दिया है।

लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी, PVSM, AVSM , VSM भारतीय सेना में एक पूर्व जनरल ऑफिसर रहे हैं। उन्होंने आखिरी बार अप्रैल 2021 में मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया था। उन्होंने पहले एक कोर कमांडर और पश्चिमी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया था, उन्हें संयुक्त राष्ट्र संक्रमणकालीन प्राधिकरण में एक सैन्य राजनयिक के रूप में नियुक्त किया गया था। कंबोडिया में और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में निर्देशन स्टाफ। सेंट्रल कमांड में नियुक्ति से पहले, उन्होंने नियंत्रण रेखा (LOC) पर XXI कोर और पैदल सेना ब्रिगेड की कमान संभाली थी।

लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी को 17 दिसंबर 1983 को कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में नियुक्ती मिली थी। अपने लंबे और शानदार करियर के दौरान जनरल ऑफिसर को यंग ऑफिसर्स कोर्स में ‘सिल्वर ग्रेनेड’ और इंजीनियर्स डिग्री कोर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। जनरल ऑफिसर ने ढाका में डीएसएससी, डिफेंस सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कोर्स, हायर कमांड कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित सेना पाठ्यक्रमों में भाग लिया।

उनको ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान एक असॉल्ट इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभालने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने एक स्ट्राइक कोर के हिस्से के रूप में एक इंजीनियर ब्रिगेड, सीमा पर एक इन्फैंट्री ब्रिगेड, जम्मू और कश्मीर में एक काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स और पश्चिमी मोर्चा पर एक स्ट्राइक कोर की कमान भी संभाली है।

इतना ही नहीं सैन्य सचिव शाखा में सहायक सैन्य सचिव, एक कोर के ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ (संचालन), एडजुटेंट जनरल शाखा में उप महानिदेशक अनुशासन, समारोह और कल्याण, सैन्य संचालन के उप महानिदेशक, अतिरिक्त महानिदेशक अनुशासन और सतर्कता जैसे काम भी संभाले।

उन्होंने यूएनटीएसी, कंबोडिया में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में निदेशक स्टाफ के रूप में भी कार्य किया। जनरल ऑफिसर ने एक अप्रैल 2021 को सेना की मध्य कमान की कमान संभाली। आर्मी कमांडर के रूप में उनके कार्यकाल को मध्य कमान को क्षमता और बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भर युद्ध लड़ने वाली टीम के रूप में विकसित करने के लिए नए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ कॉलेज, इलाहाबाद से की। अपने व्यावसायिक पाठ्यक्रम विभिन्न संस्थानों जैसे खडकवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, भारतीय सैन्य अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, रक्षा सेवा कमान और स्टाफ कॉलेज और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से प्राप्त किए।

उन्हें यंग ऑफिसर्स कोर्स में सिल्वर ग्रेनेड और मिलिट्री इंजीनियर्स डिग्री कोर्स में गोल्ड मेडल मिला था। योग्यता के क्रम में प्रथम के साथ अर्हता प्राप्त करने के लिए उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने कोर के स्टाफ ऑपरेशंस में ब्रिगेडियर जनरल और रक्षा मंत्रालय के एकीकृत रक्षा स्टाफ में सैन्य संचालन के लिए उप महानिदेशक जैसे स्टाफ और निर्देशात्मक पदों पर भी कार्य किया।

ये है खास रिकॉर्ड 
लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज है। दरअसल, वह सेना के पहले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी सेवा के आखिरी दिन 70 पैराट्रूपर्स के साथ पैराशूट जंप किया। इसमें आगरा के पास मालपुरा कमांड जंप में सेना और वायुसेना के पैराट्रूपर्स शामिल रहे। उनकी 40 वर्षों की सक्रिय सैन्य सेवा की यह अंतिम पैराजंप थी। लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी 28 फरवरी 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे।

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