उत्तराखंड: यहां हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा, दो लोगों को बेची एक जमीन, अब जाएंगे जेल
उत्तराखंड: यहां हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा, दो लोगों को बेची एक जमीन, अब जाएंगे जेल पहाड़ समाचार editor
देहरादून: राजधानी देहरादून में जमीनों के फर्जीवाड़े के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। धोखाधड़ी का कोई ना कोई मामले हर दिन सामने आ ही जाता है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। कुछ लोगों ने एक ही जमीन पहले किसी कोे और बाद में किसी दूसरे को बेच दिया। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की जल्द गिरफ्तार के लिए पुलिस भी एक्शन में आ गई है।
उत्तराखंड सचिवालय आवास सिमिति के अध्यक्ष प्रदीप पपनै और व्यवस्थापक सतीश शर्मा के खिलाफ पटेलनगर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं समिति के पपनै के दो साथियों के खिलाफ भी जबरन ज़मीन पर कब्जा करने का मुकदमा भी दर्ज है।
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जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता यादराम ने अपर जिलाधिकारी को 21 मई 2018 को कारगी ग्रांट में उत्तराखंड सचिवालय आवास सिमिति ने एक प्लाट रकबा 101 मीटर जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। जमीन के लिए तय रकम 9 लाख 62 हजार चेक के माध्यम से भुगतान कर दी गई थी। लेकिन, इसके बाद अध्यक्ष प्रदीप पपनै और व्यवस्थापक सतीश शर्मा ने उसी प्लाट को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया।
मामले की जांच के बाद सभी आरोप सही पाए गए, जिसके बाद मुकदमें की कार्रवाई की गई है। थाना पटेलनगर पुलिस को दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए, जिसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया। वहीं, इसी जमीन से जुड़े एक अन्य मामले में बड़ा भाऊवाला निवासी अरुण कुमार ने अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार उसकी भूमि खाता संख्या 815 खसरा 269 में वसीम जैदी और उसके भाई नईम जैदी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर जमीन कब्जा ली थी।
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आयोग ने थाना पटेल नगर पुलिस को जांच के लिए आदेशित किया। जांच में आरोप सही पाए जाने पर वसीम जैदी और उसके भाई नईम जैदी के खिलाफ जबरन भूमि कब्जाने, एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
कारगी ग्रांट में प्रदीप पपने, सतीश शर्मा, वसीम जैदी और नईम जैदी ने सचिवालय आवासीय समिति बनाकर एक अवैध प्लाटिंग की थी जिसमें कारगी के कब्रिस्तान के रास्ते को जबरन प्लाटिंग में इस्तेमाल के लिए पपने व वसीम जैदी ने पुरजोर लगाया। एमडीडीए ने जांच के बाद निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।
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