उत्तराखंड : दून में महिलाएं कर रही हैं ये खतरनाक काम, खतरे में जान
उत्तराखंड : दून में महिलाएं कर रही हैं ये खतरनाक काम, खतरे में जान पहाड़ समाचार editor
देहरादून: विज्ञापन की दुनिया और यूट्यूब समेत विभिन्न माध्यमों की जानकारी ने लोगों को जहां सुविधाएं दी हैं। वहीं, कई तरह का खतरा भी बढ़ा दिया है। कई बार लोग ऐसे काम करते देते हैं, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ती जाती है। एक ऐसी रिपोर्ट अमर आजाल ने ऑनलाइन छापी है। रिपोर्ट बेहद चौंकानी वाली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देहरादून की दून की महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के अबॉर्शन की दवा ले रही हैं। दवा लने के बाद कई महिलाओं की हालत बिगड़ जाती है और गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच जाती हैं। रिपोर्ट के अनुसार दून अस्पताल में रोजाना पांच महिलाएं ज्यादा ब्लीडिंग होने के बाद स्थिति बिगड़ने के बाद अस्पताल पहुंचती हैं। इनमें कुछ की हालत इतनी खराब होती है कि उनको भर्ती कराना पड़ता हैं। यहां तक कि कुछ को खून तक चढ़ाना पड़ता है।
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रिपोर्ट में अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ. रीना पाल का बयान भी है। डॉक्टर के अनुसार स्त्री रोग विभाग की ओपीडी में एक दिन में करीब 300 महिलाएं इलाज के लिए आती हैं। इनमें से रोजाना करीब पांच महिलाएं ऐसी होती है, जो अबॉर्शन की दवा खाने के बाद समस्या बड़ने के बाद अस्पताल पहुंचती हैं। उनके अनुसार ऐसी 10 महिलाओं में ये एक महिला की स्थिति गंभीर होती है।
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डॉक्टर की मानें तो इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए और बिना डॉक्टर की सलाह के अबॉर्शन की दवा देने पर रोक लगानी चाहिए। सवाल यह भी है कि जो महिलाएं इस तरह के कदम उठा रही हैं, उनको पहले ही जरूरी इंतजाम करने चाहिए। यह जहां भू्रण हत्या का मामला है। वहीं, दवाओं के गलत इस्तेमाल को मामला भी है।
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