उत्तराखंड: एक और मौत, बड़ा सवाल…बगैर स्क्रीनिंग के कैसे पहुंच रहे तीर्थ यात्री?
उत्तराखंड: एक और मौत, बड़ा सवाल…बगैर स्क्रीनिंग के कैसे पहुंच रहे तीर्थ यात्री? पहाड़ समाचार editor
यमुनोत्री: यमुनोत्री धाम में आने वाले बुजुर्ग और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे तीर्थ यात्रियों की मौत का सिलसिला जारी है। धाम आते या जाते वक्त अब तक 17 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है, जो बेहद चिंता का विषय है।
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ऋषिकेश में स्क्रीनिंग व्यवस्था को सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। जबकि, 60 साल के अधिक उम्र के तीर्थ यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग करना जरूरी है। इसको लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभागा लगातार दावे भी करता रहा, लेकिन हालात जस के तस हैं।
क्यों हो रही मौतें?
- लंबी पैदल यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी होती है। पैदल यात्रा से अचानक शारीरिक तनाव भी बढ़ जाता है। दिल के पुराने रोगी, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, धूम्रपान करने वाले, गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अटैक का खतरा ज्यादा रहता है।
- यात्रा के पहले पड़ाव ऋषिकेश में स्क्रीनिंग की व्यवस्था से उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की समय पर पहचान की जा सकती है। इसके लिए स्क्रीनिंग फार्म में केवल 10 सवालों को शामिल करने और कुछ जांच की जरूरत होगी।
- चारधाम यात्रा के दौरान हार्टअटैक से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने स्क्रीनिंग फार्म भरवाने की व्यवस्था को पुख्ता तरीके से लागू करने का सुझाव दिया है। बावजूद, ना तो तीर्थ यात्री इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही स्वास्थ्य और पर्यटन विभाग सजग नजर आ रहे हैं।
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