उत्तराखंड : इन पुलों पर चलना खतरनाक, विभाग के पास पूरी रिपोर्ट, फिर भी फर्राटे भर रहे भारी वाहन
उत्तराखंड : इन पुलों पर चलना खतरनाक, विभाग के पास पूरी रिपोर्ट, फिर भी फर्राटे भर रहे भारी वाहन
देहरादून: मालन नदी का पुल ढहने के बाद और उससे पहले जब गुजरात के मारबी में पुल हादसा हुआ था, हर बार प्रदेश में शोर चमता है। पुलों का सुरक्षा ऑडिट अचानक चर्चा में आ जाता है। फिर से ब्रेकिंग खबरें चलने लगती हैं। अखबारों में खबरें छपने लगती है। ये पुल भी खतरनाक, वो पुल भी खतरनाक। सबसे बड़ी बात यह है कि लोक निर्माण विभाग को अपने सभी पुलों की बदहाली की पूरी कहानी पता है। बाकायदा पुलों की रेंटिंग जारी की जाती है।
प्रदेशभर में कई मोटर पुल ऐसे हैं, जिनकी रेंटिंग बहुत खराब है। लोक निर्माण विभाग ने उन पुलों को खुद ही रेड मार्क दिए हैं। रेड रेंटिंग का मतलब यह होता है कि यह अब वाहनों के चलने के लिए खतरनाक हैं। विभाग को पता होने के बाद भी इन पुलों पर वाहनों की आवाजाही लगातार जारी है।
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे करीब 75 पुल हैं। कुछ डेटा विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इसके अनुसार करीब 40 पुल से ऐसे हैं, जो अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं और इन पर चलना जान को जोखिम में डालना है। फिर भी इन पुलों पर धड़ल्ले से वाहन दौड़ रहे हैं।
लगता है कि विभाग को अब भी किसी हादसे का इंतजार है। फिर किसी पुल के ढहने के बाद हेडलाइन चलेंगी और छपेंगी। मंत्री अधिकारियों पर रौब दिखाएंगे। लेकिन, पुलों पर ट्रैफिक रोकने का फैसला नहीं लिया जाएगा और खतरे की जद में आए पुलों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जाएंगे।
इनमें कुछ पुल ऐसे भी हैं, जिनका निर्माण 1960 और 1970 के दशक में हुआ है। जबकि, कुछ ऐसे भी हैं, जिनका निर्माण पिछले 10 सालों के भीतर ही हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि 1960 और 70 में बने पुलों से आज के बने हुए पुल कितने कमजोर साबित हो रहे हैं। इससे साफ है कि पुलों को निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा है। भ्रष्टाचार से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
उत्तराखंड : इन पुलों पर चलना खतरनाक, विभाग के पास पूरी रिपोर्ट, फिर भी फर्राटे भर रहे भारी वाहन